दोस्तों, अगर आप बिहार से हैं और आपकी बेटी अभी सरकारी स्कूल में कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाई कर रही है, तो आपने मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना के बारे में ज़रूर सुना होगा। यह योजना खासतौर से स्कूल में पढ़ रही बालिकाओं के लिए है, ताकि उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ यूनिफॉर्म (पोशाक) के लिए अलग से खर्च ना करना पड़े।
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इस आर्टिकल में मैं आपको आसान भाषा में बताऊँगा – योजना क्या है, कौन फायदा ले सकता है, कितना पैसा मिलता है और आवेदन कैसे करना है।
मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना क्या है?
सरकार का मकसद साफ है – “पढ़ेगी बेटी, बढ़ेगी बेटी।”
इसलिए बिहार सरकार हर साल 1 से 8 तक की सभी बालिकाओं को पोशाक (यूनिफॉर्म) खरीदने के लिए आर्थिक सहायता देती है।
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ये पैसा डायरेक्ट DBT (Direct Benefit Transfer) के जरिए बैंक अकाउंट में भेजा जाता है।
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बच्ची स्कूल में नियमित रूप से पढ़ाई कर रही होनी चाहिए।
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पैसा मिलते ही पैरेंट्स या गार्जियन खुद यूनिफॉर्म खरीद सकते हैं।
कितना पैसा मिलता है?
यह सबसे बड़ा सवाल होता है।
सरकार क्लास के हिसाब से अलग-अलग राशि देती है।
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कक्षा 1 से 5 तक की छात्राओं को – ₹600 प्रति वर्ष
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कक्षा 6 से 8 तक की छात्राओं को – ₹700 प्रति वर्ष
मतलब सीधा फायदा खाते में, ताकि बच्ची यूनिफॉर्म सही से पहन सके और स्कूल नियमित जा सके।
कौन-कौन ले सकता है लाभ? (Eligibility)
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सिर्फ़ बिहार सरकार के मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाली बच्चियां।
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बच्ची की उपस्थिति (Attendance) ज़रूरी है।
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बैंक अकाउंट आधार से लिंक होना चाहिए।
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हर साल रिन्यूवल होता है, यानी बच्ची अगली क्लास में प्रमोट हो तो फिर से पैसा मिलेगा।
आवेदन कैसे करें? (Apply Online Process)
असल में इसके लिए कोई अलग बड़ा फॉर्म नहीं भरना होता।
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स्कूल से ही बच्ची का डेटा Medhasoft Bihar Portal पर अपलोड होता है।
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अभिभावक को सिर्फ़ बैंक अकाउंट, आधार नंबर और मोबाइल नंबर सही देना होता है।
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इसके बाद DBT के जरिए सीधे अकाउंट में पैसा आ जाता है।
👉 ऑफिशियल वेबसाइट: medhasoft.bih.nic.in
योजना के फायदे (Benefits)
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बच्ची को यूनिफॉर्म खरीदने के लिए अलग से चिंता नहीं करनी पड़ेगी।
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स्कूल में Attendance बढ़ेगा।
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गरीब और ग्रामीण इलाकों की बच्चियों को शिक्षा में मदद मिलेगी।
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डायरेक्ट पैसा मिलने से बीच में कोई गड़बड़ी नहीं।
आम परेशानियाँ (Common Issues)
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कई बार अकाउंट आधार से लिंक नहीं होता, जिससे पेमेंट फेल हो जाता है।
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गलत IFSC या बैंक डिटेल देने पर पैसा रुक जाता है।
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कुछ मामलों में पोर्टल पर डेटा अपडेट ना होने से लाभार्थी लिस्ट में नाम नहीं आता।
हेल्पलाइन नंबर
अगर पैसा नहीं आया या कोई दिक्कत हो तो आप अपने Block Education Office (BEO) या स्कूल हेडमास्टर से संपर्क करें।
साथ ही Medhasoft पोर्टल पर हेल्पलाइन नंबर भी मिलता है।
निष्कर्ष
Mukhyamantri Balika Poshak Yojana 1 to 8 एक बढ़िया कदम है बिहार सरकार का। ₹600 और ₹700 की राशि भले ही छोटी लगे, लेकिन इससे बच्चियों को पढ़ाई में मदद मिलती है और यूनिफॉर्म पहनकर वो कॉन्फिडेंट फील करती हैं।
अगर आपकी बेटी कक्षा 1 से 8 तक पढ़ रही है तो ज़रूर चेक करें कि उसका नाम लिस्ट में है या नहीं।