Bihar Jeevika Didi Yojana 2025 और Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana में अंतरScheme StatusScheme Status

बिहार सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और उन्हें रोजगार देने के लिए कई योजनाएँ चलाई हैं। इनमें से दो चर्चित योजनाएँ हैं – जीविका दीदी योजना (JEEViKA) और हाल ही में शुरू की गई मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025। दोनों योजनाएँ दिखने में भले अलग हों, लेकिन इनका मकसद एक ही है – महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना। Bihar Jeevika Didi Yojana 2025 स्वयं सहायता समूहों (SHGs) पर आधारित है, जबकि Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana व्यक्तिगत महिलाओं को स्वरोजगार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

बिहार जीविका दीदी योजना 2025 और मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना में अंतर

Bihar Jeevika Didi Yojana 2025

  • यह योजना बिहार ग्रामीण आजीविका संवर्धन समिति (BRLPS) द्वारा संचालित है।

  • इसका उद्देश्य जीविका स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी महिलाओं को आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण और स्वरोजगार के लिए लोन प्रदान करना है।

  • इस योजना में जीविका दीदियों को कम ब्याज दर पर बैंक ऋण उपलब्ध करवाया जाता है और उनके मानदेय एवं वेतन दोगुना किया गया है ताकि उनकी आमदनी बढ़े और सशक्तिकरण हो सके।

  • इनके लिए नए व्यापार जैसे चाय की खेती, फैक्ट्री लगाना आदि भी प्रोत्साहित किए जाते हैं।

  • इस योजना से करीब 1 करोड़ 40 लाख महिलाएं जुड़ी हैं, जो गांव-गांव में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं।

MMRY 2025

  • यह बिहार सरकार द्वारा 2025 में शुरू की गई योजना है, जिसका उद्देश्य राज्य की लगभग 2।7 करोड़ परिवार की महिलाओं को स्वरोजगार के माध्यम से आर्थिक सहायता और ऋण देना है।

  • CM MRY के तहत महिलाओं को ₹10,000 की पहली किस्त और व्यवसाय प्रगति के आधार पर ₹2 लाख तक की अतिरिक्त सहायता दी जाती है।

  • लाभार्थी मुख्य रूप से जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं होती हैं, जिन्हें स्वरोजगार शुरू करने के लिए वित्तीय और प्रशिक्षण सहायता मिलती है।

  • Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana स्वरोजगार के लिए व्यापक रूप से विभिन्न छोटे व्यवसायों को कवर करती है।

सारांश अंतर

पहलू जिविका दीदी योजना मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना
संचालक बिहार ग्रामीण आजीविका संवर्धन समिति (BRLPS) बिहार सरकार
मुख्य उद्देश्य जीविका समूह से जुड़ी महिलाओं को बैंक लोन, प्रशिक्षण एवं रोजगार राज्य की अधिकांश महिलाओं को स्वरोजगार हेतु आर्थिक सहायता व लोन
लाभार्थी जीविका स्वयं सहायता समूह की महिलाएं जीविका समूह की महिलाएं (शायद अन्य पात्र महिलाएं भी)
सहायता कम ब्याज दर पर बैंक ऋण, मानदेय वृद्धि, व्यवसायिक प्रशिक्षण ₹10,000 से शुरू, ₹2 लाख तक लोन, स्वरोजगार प्रशिक्षण
व्यापार क्षेत्र विशेष रूप से ग्रामीण स्वरोजगार, कृषि, फैक्ट्री, चाय उत्पादन आदि घरेलू, खुदरा, सेवा, डिजिटल आदि विविध स्वरोजगार

इस प्रकार, जिविका दीदी योजना अधिकतर जीविका समूह से जुड़े विशेष महिलाओं के लिए है जबकि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना व्यापक स्तर पर ज्यादा महिलाओं को स्वरोजगार के तहत वित्तीय व प्रशिक्षण सहायता प्रदान करती है।

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जीविका दीदी योजना क्या है?

  • JEEViKA (बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना) को ही लोग जीविका दीदी योजना कहते हैं।

  • इसमें ग्रामीण महिलाओं को स्व-सहायता समूह (Self Help Groups) से जोड़ा जाता है।

  • ये समूह महिलाओं को बचत, छोटे-छोटे लोन और स्वरोजगार शुरू करने में मदद करते हैं।

  • समय के साथ ये महिलाएँ गाँव की “जीविका दीदी” बन जाती हैं और अपने परिवार व समाज को भी रोजगार का रास्ता दिखाती हैं।

प्रमुख पहलें

  • दीदी की रसोई (Didi Ki Rasoi): अस्पतालों, स्कूलों और सरकारी दफ़्तरों में किफायती व स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराने का काम।

  • जन औषधि केंद्र, हेल्थ कैम्पेन, सैनिटरी पैड यूनिट जैसे सामाजिक उद्यम।

  • हाल की बड़ी खबर: प्रधानमंत्री मोदी ने अगस्त 2025 में 105 करोड़ रुपये का Jeevika Bank ट्रांसफर लॉन्च किया।

लाभ:

  • महिलाओं को रोज़गार और आत्मनिर्भरता का अवसर।

  • सामुदायिक नेतृत्व और वित्तीय सशक्तिकरण।

  • गाँव की अर्थव्यवस्था में सीधा योगदान।


मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025

यह योजना अगस्त 2025 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लॉन्च की गई। इसका मकसद है कि हर परिवार से कम से कम एक महिला को स्वरोजगार का मौका मिले

योजना की मुख्य बातें

  • शुरुआती सहायता: ₹10,000 सीधे बैंक खाते में।

  • आगे की मदद: अगर काम अच्छा चलता है तो 6 महीने बाद ₹2 लाख तक की अतिरिक्त सहायता।

  • पात्रता शर्तें:

    • महिला की उम्र 18 से 60 साल।

    • आवेदिका/पति आयकरदाता या सरकारी नौकरी में न हों।

    • जीविका SHG (Self Help Group) से जुड़ना अनिवार्य।

  • कैसे मिलेगा लाभ:

    • ग्रामीण इलाकों में – जीविका समूहों के ज़रिए।

    • शहरी इलाकों में – ऑनलाइन पोर्टल से आवेदन।

  • प्रमोटेड कार्य: सरकार ने लगभग 18 तरह के छोटे-छोटे बिज़नेस तय किए हैं (जैसे – बकरी पालन, दर्जी का काम, ब्यूटी पार्लर, किराना दुकान इत्यादि)।

लाभ:

  • सीधे DBT (Direct Benefit Transfer) से पैसा खाते में जाएगा।

  • महिलाओं को घर बैठे स्वरोजगार का अवसर।

  • हाट-बाज़ार और सरकारी सपोर्ट से प्रोडक्ट्स की बिक्री में मदद।


दोनों योजनाओं में अंतर

पहल प्रकार मुख्य उद्देश्य आर्थिक मदद
जीविका दीदी योजना दीर्घकालीन सशक्तिकरण SHG के माध्यम से महिला नेतृत्व और आर्थिक मजबूती माइक्रो लोन, बचत और उद्यम समर्थन
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना नई वित्तीय सहायता योजना हर परिवार की महिला को स्वरोजगार में जोड़ना ₹10,000 शुरुआती मदद, ₹2 लाख तक विस्तार

निष्कर्ष

अगर संक्षेप में कहें तो –

  • जीविका दीदी योजना एक लंबी अवधि की पहल है जो महिलाओं को संगठित कर उनके आत्मनिर्भर बनने का रास्ता बनाती है।

  • वहीं, मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025 सीधी आर्थिक मदद देकर महिलाओं को छोटा व्यवसाय शुरू करने का मौका देती है।

अनुदान की राशि एवं प्रशिक्षण अवधि

JEEViKA प्रशिक्षण में महिलाओं को ₹200–₹300/दिन तक का भत्ता + यातायात/भोजन सुविधा दी जाती है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025 के तहत प्रशिक्षण 7–15 दिन का हो सकता है और इसमें भी दैनिक भत्ता दिया जाएगा, ताकि महिलाएँ प्रशिक्षण जारी रख सकें।

JEEViKA प्रशिक्षण के दौरान भत्ता

  • जब भी महिलाएँ स्व-सहायता समूह (SHG) की सदस्य बनती हैं और JEEViKA द्वारा आयोजित प्रशिक्षण (जैसे— उद्यमिता, वित्तीय साक्षरता, सिलाई, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, हस्तशिल्प आदि) में शामिल होती हैं,
    तो उन्हें प्रशिक्षण भत्ता (stipend) दिया जाता है।

  • यह भत्ता अलग-अलग मॉड्यूल पर निर्भर करता है, आमतौर पर ₹200 से ₹300 प्रति दिन तक मिलता है।

  • कई केसों में यातायात खर्च और भोजन की व्यवस्था भी JEEViKA या प्रशिक्षण एजेंसी करती है, ताकि महिलाओं पर अतिरिक्त बोझ न पड़े

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025 – प्रशिक्षण और भत्ता

  • इस योजना के तहत भी महिलाओं को सिर्फ पैसा देकर छोड़ नहीं दिया जाएगा, बल्कि उन्हें स्वरोजगार के लिए कम से कम 7 से 15 दिन का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।

  • प्रशिक्षण में शामिल विषय:

    • चुने गए कार्य/व्यवसाय को कैसे शुरू करें

    • लेखा-जोखा (bookkeeping)

    • सरकारी/बैंक लोन और DBT प्रक्रिया

    • मार्केटिंग और प्रोडक्ट सेल्स

  • प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को भत्ता भी दिया जाएगा (लगभग ₹200–₹250 प्रतिदिन), ताकि वे बिना आर्थिक चिंता के ट्रेनिंग पूरी कर सकें।

योजना / कार्यक्रम अनुदान (Grant) प्रशिक्षण (Training Duration)
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025 ₹10,000 प्रारंभिक + 6 माह बाद ₹2 लाख तक (प्रशिक्षण की जानकारी उपलब्ध नहीं)
JEEViKA (Young Professionals Program) 74 दिनों का अनिवार्य प्रशिक्षण
JEEViKA – cadre/households training एक साल में विभिन्न ट्रेनिंग + अंतिम 3-दिन प्रशिक्षण

क्यों दिया जाता है भत्ता?

  • ताकि महिलाएँ परिवार/काम छोड़कर प्रशिक्षण में सहजता से भाग ले सकें।
  • प्रशिक्षण के दौरान यात्रा, समय और मेहनत का मुआवज़ा हो सके।
  • इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि लाभार्थी बीच में प्रशिक्षण छोड़कर न जाएँ।

Bihar Jeevika Didi Yojana 2025 & MMRY  Scheme Difference

जीविका दीदी योजना एक सामूहिक, बहुआयामी विकास कार्यक्रम है जो स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से काम करता है, जबकि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना एक व्यक्तिगत, वित्तीय सहायता योजना है जो महिलाओं को स्वरोजगार के लिए सीधा आर्थिक सहयोग प्रदान करती है।
आधार जीविका दीदी योजना (बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना) मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना
प्रकृति और उद्देश्य यह एक सामूहिक सशक्तिकरण मॉडल पर आधारित है, जिसमें महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से संगठित होती हैं। इसका उद्देश्य ग्रामीण गरीबों, विशेषकर महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। यह एक व्यक्तिगत सहायता योजना है, जिसका उद्देश्य बिहार के हर परिवार की एक महिला को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करना है।
फंडिंग का तरीका जीविका दीदियों को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से बैंक ऋण मिलता है, जिस पर ब्याज दर कम होती है। इसमें सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में वित्तीय सहायता जमा की जाती है। शुरुआती ₹10,000 की किस्त के बाद, ₹2 लाख तक का ऋण भी उपलब्ध है।
सहायता का प्रकार समूहों के माध्यम से ऋण और अन्य सहायता दी जाती है। इससे महिलाएं सामूहिक रूप से आर्थिक गतिविधियों में संलग्न हो पाती हैं। इसमें व्यक्तिगत रोजगार उद्यमों को शुरू करने के लिए वित्तीय मदद दी जाती है, जिससे महिला अपनी पसंद का व्यवसाय कर सकती है।
कार्यान्वयन यह विश्व बैंक द्वारा समर्थित बिहार सरकार की परियोजना है, जिसे बिहार ग्रामीण आजीविका संवर्धन सोसाइटी (BRLPS) के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है। इसे ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
दायरा इसका दायरा व्यापक है, जिसमें न केवल वित्तीय सशक्तिकरण, बल्कि सामाजिक जागरूकता, पोषण, पर्यावरण संरक्षण (जैसे ‘हरित जीविका, हरित बिहार’ अभियान) आदि भी शामिल हैं। इसका मुख्य ध्यान महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर उनके आर्थिक सशक्तिकरण पर केंद्रित है।

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